गुरुवार, 31 मार्च 2016
7000/- tak Agar nahi kama paye to aapke paise wapas
Har kisi ko Plan B rakh kar hi koi bhi kaam shuru karna chahiye, Plan B safe rakhne ka matlab ye hai ki agar aap kisi Target ko pana chahte hain aur kayi koshishon ke baad bhi manzil tak nahi pahuch pate hain to bhi apna irada mat badaliye Rasta badal lijiye, Plan A ki jagah Plan B par chaliye..
Aur GPS me aapke paas manzil to ek hi hai SAFALTA, lekin raste kayi hain.
Aur isme aapko khud chalna bhi nahi hai, GPS Group ki sawaari bankar humesha sath dete rahna hai.
Kayi log aapse ye bhi kahte hain ki GPS to do nahi 24 Naavon ki sawaari hai, to unko humare GPS member ye jawab dete hain ki GPS khud me koi naav nahi, ye Bahut hi bada Pani ka jahaaj hai jiske andar 24 chhoti chhoti naav rakhi huyi hain har member ke liye, aur sawaari sirf GPS ki karni hai, Baki to Plan B wale naav hain.
Jab aapki Safalta ko Nishchit karne ke liye 24 Naav aapke paas ho aur aapke pair kisi do naav me nahi sirf GPS par majbuti se tike huye hon to aapko aapki Manzil tak pahuchne se koi nahi rok sakta.
Platinum Rank unke liye jo toofano ko cheerkar aage badh jate hain, Diamond Rank Medium logon ke liye, aur jo kismat pe jyada bharosa karte hain unke liye Golden Rank.. Yakin maaniye teeno rank ke GPS members apni manzil 5 saal ke andar zarur payenge. kyunki baad me jab Full package se joining hone par Senior Leader -4 joining lane wale, aur Leader -2 Joining lane wale Rank bhi jab GPS Plan me jab Add kiye jayenge aur pahle se jud chuke logon ko wahi sab fayda abhi sirf 7000/- ki advance Booking se hi milne lagega to khud sochiye aap apni manzil ke kitne kareeb pahuch chuke honge. Baad me judne walon ke paas 30-30 naamo ki proposal list banane me pareshani bhi ho sakti hai kyunki aapke milne wale aur bhi logon ke parichit hain, aur agar unhone list me unka naam pahle se de diya hoga to wo joining unke hi under me jayegi. Baad me aane walon ke liye Plan B hai, lekin abhi jo bhi Advance Booking se join karega wo success hoga hi hoga. Hume apne GPS Plan ke concept par itna bharosa hai ki aapko agar yakin na ho to aap 7000/- ki post Dated check bhi le sakte hain. Matlab ye ki agar 5 saal ke andar aap 7000/- ki apni Rakam GPS ke kaam se humse judi Networking Company se nahi kama pate hain to aapko aspke 7000/- wapas kar diye jayenge, lekin aise logon ko GPS Loan Pool ka laabh nahi diya jayega.
Loan Pool bhi ek bharose ka sauda hai, aur Check dena bhi Bharose ko jeetna hi hai. Hum apne unhi members par bharosa rakh sakte hain jinhe hum par bharosa ho. isme kisi ko koi pareshani bhi nahi honi chahiye. Hum to har tarah se apne members ka support karna chahte hain ki agar pahle level me aapke under me 16 joining ho gayi lekin un sabke under me kewal 12-12 joining hi huyi to bhi aapko Diamond Rank ke Dusre level ka laabh mil jaye, aur yadi 12 ki jagah kewal 8-8 hi ban jayen to bhi Golden Rank ka labh mil jaye.. Ye samajhne me shuru me thoda sa kathin jarur lagta hai par aapko jitni jyada suvidha koi dena chahega use mehnat bhi jyada hi karni padegi. Joining karne wale log Joining karke apna kaam shuru bhi kar chuke hain, aur har mahine apna Target bhi bana chuke hain, Kayi naye log internet par Daily Blog aur website dekhte hain to doston, Dekhne wale sirf dekh rahe hain, Dekhiye lekin agar koi cheez plan me samajh me nahi aa rahi to humse puchhiye. Humne to har ghar ko GPS se jodne ka Target banaya hai, ab faisla aapke hath me hai ki kab aur kis position ya rank me aap GPS Group me shamil hote hain. Shukriya
GPS Group Family
9532976765
लेबल:
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बुधवार, 30 मार्च 2016
GPS Kanpur Office
Hi Friends,
Aapko batane me bahut khushi ho rahi hai ki GPS - Group Profit Share ka Office Kanpur me IIT Gate ke pass, Highway Restaurant Building, G.T. Road, Kalyanpur final kar li gayi hai. 2 hafte baad April me GPS office ka Shubharambh karne ka vichar hai, Dheere-dheere baki anya Pending kaam bhi pure hokar GPS pure Hindustan me DHOOM machane aa raha hai, Taiyar ho jaiye ek bahut hi badhiya Faydemand Shuruaat ke liye..
Best Of Luck
GPS Team
9532976765
Aapko batane me bahut khushi ho rahi hai ki GPS - Group Profit Share ka Office Kanpur me IIT Gate ke pass, Highway Restaurant Building, G.T. Road, Kalyanpur final kar li gayi hai. 2 hafte baad April me GPS office ka Shubharambh karne ka vichar hai, Dheere-dheere baki anya Pending kaam bhi pure hokar GPS pure Hindustan me DHOOM machane aa raha hai, Taiyar ho jaiye ek bahut hi badhiya Faydemand Shuruaat ke liye..
Best Of Luck
GPS Team
9532976765
मंगलवार, 29 मार्च 2016
सोमवार, 28 मार्च 2016
रविवार, 27 मार्च 2016
गारंटीड, आपकी सोच को बदल देगी ये सच्ची कहानी
आप शायद मानें या न मानें, पर हमारे जीवन के छोटे से छोटे कार्य भी हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसीलिए कहा जाता है कि आप जब भी किसी से मिलें, पूरे जोश से मिलें, हमेशा दूसरों की मदद करें और जो काम करें पूरी ईमानदारी से करें। फिर देखिए आपके जीवन में कैसे नए-नए रास्ते खुलते चले जाते हैं।
इसी बात को प्रमाणित करती है यह प्रेरक कहानी (motivational story), जो यह बताती है कि आपका अच्छा व्यवहार (healthy and positive attitude) आपके लिए कितना महत्वपूर्ण हो सकता है। यह कहानी मुझे वाट्स ऐप (whatsapp) से मेरे एक मित्र ने भेजी थी। मुझे यह इतनी पसंद आई कि मैं आप सबके साथ शेयर कर रहा हूं। क्योंकि क्या पता यह किसके दिल को छू जाए, ओर उसका जीवन बदल जाए।
इसी बात को प्रमाणित करती है यह प्रेरक कहानी (motivational story), जो यह बताती है कि आपका अच्छा व्यवहार (healthy and positive attitude) आपके लिए कितना महत्वपूर्ण हो सकता है। यह कहानी मुझे वाट्स ऐप (whatsapp) से मेरे एक मित्र ने भेजी थी। मुझे यह इतनी पसंद आई कि मैं आप सबके साथ शेयर कर रहा हूं। क्योंकि क्या पता यह किसके दिल को छू जाए, ओर उसका जीवन बदल जाए।
ये कहानी एक ऐसे व्यक्ति की है जो एक फ्रीजर प्लांट (freezer plant) में काम करता था। वह दिन का अंतिम समय था और सभी लोग घर जाने को तैयार थे। तभी प्लांट में एक तकनीकी समस्या (technical problem) उत्पन्न हो गयी और वह उसे दूर करने में जुट गया। जब तक वह कार्य पूरा करता, तब तक अत्यधिक देर हो गयी। लाईटें बुझा दी गईं, दरवाजे सील हो गये और वह उसी प्लांट में बंद हो गया। बिना हवा व प्रकाश के पूरी रात आइस प्लांट में फंसे रहने के कारण उसकी कब्रगाह बनना तय था।
लगभग आधा घण्टे का समय बीत गया। तभी उसने किसी को दरवाजा खोलते पाया। क्या यह एक चमत्कार था? उसने देखा कि दरवाजे पर सिक्योरिटी गार्ड टार्च लिए खड़ा है। उसने उसे बाहर निकलने में मदद की।
बाहर निकल कर उस व्यक्ति ने सिक्योरिटी से पूछा "आपको कैसे पता चला कि मै भीतर हूँ?"
बाहर निकल कर उस व्यक्ति ने सिक्योरिटी से पूछा "आपको कैसे पता चला कि मै भीतर हूँ?"
गार्ड ने उत्तर दिया- "सर, इस प्लांट में 50 लोग कार्य करते हैँ पर सिर्फ एक आप हैँ जो मुझे सुबह आने पर हैलो व शाम को जाते समय बाय कहते हैँ। आज सुबह आप ड्यूटी पर आये थे पर शाम को आप बाहर नहीं गए। इससे मुझे शंका हुई और मैं देखने चला आया।''
वह व्यक्ति नहीं जानता था कि उसका किसी को छोटा सा सम्मान देना कभी उसका जीवन बचाएगा। याद रखेँ, जब भी आप किसी से मिलें तो उसका गर्मजोशी और मुस्कुराहट के साथ सम्मान करें। हमें नहीं पता, पर हो सकता है कि ये आपके जीवन में भी चमत्कार दिखा दे।
शनिवार, 26 मार्च 2016
तीन कहानियाँ- जो बदल सकती हैं आपकी ज़िन्दगी !
पढ़िए iPod और iPhone बनाने वाली कंपनी Apple के founder Steve Jobs के जीवन की तीन कहानियां जो बदल सकती हैं आपकी भी ज़िन्दगी.
जब कभी दुनिया के सबसे प्रभावशाली entrepreneurs का नाम लिया जाता है तो उसमे कोई और नाम हो न हो,एक नाम ज़रूर आता है. और वो नाम है STEVE JOBS (स्टीव जॉब्स ) का. APPLE Company के co-founder इस अमेरिकी को दुनिया सिर्फ एक successful entrepreneur, inventor और businessman के रूप में ही नहीं जानती है बल्कि उन्हें world के अग्रणी motivators और speakers में भी गिना जाता है. और आज आपके साथ बेहतरीन Hindi articles share करने की अपनी commitment को पूरा करते हुए हम AchhiKhabar.Com पर आपके साथ Steve Jobs की अब तक की one of the best speech “Stay Hungry Stay Foolish” Hindi में share कर रहे हैं. यह speech उन्होंने Stanford University के convocation ceremony (दीक्षांत समारोह) में 12 June 2005 को दी थी.
यह Post थोड़ी लंबी है. लगभग 2250 शब्दों की, इसलिए यदि आप चाहें तो AchhiKhabar.Com को Bookmark याFavourites में list कर लें . ताकि यदि आप एक बार में पूरी post न पढ़ पायें तो आसानी से फिर इस पेज पर आ सकें. वैसे Google में AchhiKhabar.Com search करने पर भी आप दुबारा इस Page पर आ सकते हैं.
तो चलिए पढते हैं –
STEVE JOBS CONVOCATION SPEECH AT STANFORD
“Stay Hungry Stay Foolish”
“Thank You ! आज world की सबसे बहेतरीन Universities में से एक के दीक्षांत समारोह में शामिल होने पर मैं खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ. मैं आपको एक सच बता दूं; मैं कभी किसी college से pass नहीं हुआ; और आज पहली बार मैं किसी college graduation ceremony के इतना करीब पहुंचा हूँ. आज मैं आपको अपने जीवन की तीन कहानियां सुनाना चाहूँगा… ज्यादा कुछ नहीं बस तीन कहानियां.
मेरी पहली कहानी dots connect करने के बारे में है. Reed College में दाखिला लेने के 6 महीने के अंदर ही मैंने पढाई छोड़ दी, पर मैं उसके 18 महीने बाद तक वहाँ किसी तरह आता-जाता रहा. तो सवाल उठता है कि मैंने college क्यों छोड़ा ? Actually, इसकी शुरुआत मेरे जन्म से पहले की है.
मेरी biological mother* एक young, अविवाहित graduate student थी, और वह मुझे किसी और को adoption के लिए देना चाहती थी. पर उनकी एक ख्वाईश थी कि कोई college graduate ही मुझे adopt करे. सबकुछ बिलकुल set था और मैं एक वकील और उसकी wife के द्वारा adopt किया जाने वाला था कि अचानक उस couple ने अपना विचार बदल दिया और decide किया कि उन्हें एक लड़की चाहिए. इसलिए तब आधी-रात को मेरे parents, जो तब waiting list में थे, को call करके बोला गया कि, “हमारे पास एक baby-boy है, क्या आप उसे गोद लेना चाहेंगे?” और उन्होंने झट से हाँ कर दी. बाद में मेरी biological mother को पता चला कि मेरी माँ college pass नहीं हैं और पिता तो High School पास भी नहीं हैं. इसलिए उन्होंने Adoption Papers sign करने से मना कर दिया; पर कुछ महीनो बाद मेरे होने वाले parents के मुझे college भेजने के आश्वासन के बाद वो मान गयीं. तो मेरी जिंदगी कि शुरुआत कुछ इस तरह हुई और सत्रह साल बाद मैं college गया….पर गलती से मैंने Stanford जितना ही महंगा college चुन लिया. मेरे working-class parents की सारी जमा-पूँजी मेरी पढाई में जाने लगी. 6 महीने बाद मुझे इस पढाई में कोई value नहीं दिखी. मुझे कुछ idea नहीं था कि मैं अपनी जिंदगी में क्या करना चाहता हूँ, और college मुझे किस तरह से इसमें help करेगा..और ऊपर से मैं अपनी parents की जीवन भर कि कमाई खर्च करता जा रहा था. इसलिए मैंने कॉलेज drop-out करने का निर्णय लिए…और सोचा जो होगा अच्छा होगा. उस समय तो यह सब-कुछ मेरे लिए काफी डरावना था पर जब मैं पीछे मुड़ कर देखता हूँ तो मुझे लगता है ये मेरी जिंदगी का सबसे अच्छा decision था.
जैसे ही मैंने college छोड़ा मेरे ऊपर से ज़रूरी classes करने की बाध्यता खत्म हो गयी . और मैं चुप-चाप सिर्फ अपने interest की classes करने लगा. ये सब कुछ इतना आसान नहीं था. मेरे पास रहने के लिए कोई room नहीं था, इसलिए मुझे दोस्तों के room में फर्श पे सोना पड़ता था. मैं coke की bottle को लौटाने से मिलने वाले पैसों से खाना खता था….मैं हर Sunday 7 मील पैदल चल कर Hare Krishna Temple जाता था, ताकि कम से कम हफ्ते में एक दिन पेट भर कर खाना खा सकूं. यह मुझे काफी अच्छा लगता था.
मैंने अपनी life में जो भी अपनी curiosity और intuition की वजह से किया वह बाद में मेरे लिए priceless साबित हुआ. Let me give an example. उस समय Reed College शायद दुनिया की सबसे अच्छी जगह थी जहाँ Calligraphy* सिखाई जाती थी. पूरे campus में हर एक poster, हर एक label बड़ी खूबसूरती से हांथों से calligraph किया होता था. चूँकि मैं college से drop-out कर चुका था इसलिए मुझे normal classes करने की कोई ज़रूरत नहीं थी. मैंने तय किया की मैं calligraphy की classes करूँगा और इसे अच्छी तरह से सीखूंगा. मैंने serif और sans-serif type-faces के बारे में सीखा; अलग-अलग letter-combination के बीच में space vary करना और किसी अच्छी typography को क्या चीज अच्छा बनाती है, यह भी सीखा. यह खूबसूरत था, इतना artistic था कि इसे science द्वारा capture नहीं किया जा सकता था, और ये मुझे बेहद अच्छा लगता था. उस समय ज़रा सी भी उम्मीद नहीं थी कि मैं इन चीजों का use कभी अपनी life में करूँगा. लेकिन जब दस साल बाद हम पहला Macintosh Computer बना रहे थे तब मैंने इसे Mac में design कर दिया. और Mac खूबसूरत typography युक्त दुनिया का पहला computer बन गया. अगर मैंने college से drop-out नहीं किया होता तो Mac मैं कभी multiple-typefaces या proportionally spaced fonts नहीं होते, और चूँकि Windows ने Mac की copy की थी तो शायद किसी भी personal computer में ये चीजें नहीं होतीं. अगर मैंने कभी drop-out ही नहीं किया होता तो मैं कभी calligraphy की वो classes नहीं कर पाता और फिर शायद personal computers में जो fonts होते हैं, वो होते ही नहीं.
Of course, जब मैं college में था तब भविष्य में देख कर इन dots को connect करना impossible था; लेकिन दस साल बाद जब मैं पीछे मुड़ कर देखता हूँ तो सब कुछ बिलकुल साफ़ नज़र आता है. आप कभी भी future में झांक कर dots connect नहीं कर सकते हैं. आप सिर्फ past देखकर ही dots connect कर सकते हैं; इसलिए आपको यकीन करना होगा की अभी जो हो रहा है वह आगे चल कर किसी न किसी तरह आपके future से connect हो जायेगा. आपको किसी न किसी चीज में विश्ववास करना ही होगा —अपने guts में, अपनी destiny में, अपनी जिंदगी या फिर अपने कर्म में…किसी न किसी चीज मैं विश्वास करना ही होगा…क्योंकि इस बात में believe करना की आगे चल कर dots connect होंगे आपको अपने दिल की आवाज़ सुनने की हिम्मत देगा…तब भी जब आप बिलकुल अलग रास्ते पर चल रहे होंगे…and that will make the difference.
मेरी दूसरी कहानी, love और loss के बारे में है. मैं जिस चीज को चाहता था वह मुझे जल्दी ही मिल गयी. Woz और मैंने अपने parents के गराज से Apple शरू की तब मैं 20 साल का था. हमने बहुत मेहनत की और 10 साल में Apple दो लोगों से बढ़ कर $2 Billion और 4000 लोगों की company हो गयी. हमने अभी एक साल पहले ही अपनी finest creation Macintosh release की, मैं तीस का हो गया था और मुझे company से fire कर दिया गया.
आप अपनी बनायीं हुई company से fire कैसे हो सकते हैं? Well, जैसे-जैसे company grow की, हमने एक ऐसे talented आदमी को hire किया, जिसे मैंने सोचा कि वो मेरे साथ मिलकर company run करेगा, पहले एक साल सब-कुछ ठीक-ठाक चला…. लेकिन फिर company के future vision को लेकर हम दोनों में मतभेद होने लगे. बात Board Of Directors तक पहुँच गयी, और उन लोगों ने उसका साथ दिया, so at thirty, मुझे निकाल दिया गया…publicly निकाल दिया गया. जो मेरी पूरी adult life का focus था वह अब खत्म हो चुका था, और ये बिलकुल ही तबाह करने वाला था. मुझे सचमुच अगले कुछ महीनो तक समझ ही नहीं आया कि मैं क्या करूं.
मुझे महसूस हुआ कि ये सबकुछ इतनी आसानी से accept करके मैंने अपने पहले कि generation के entrepreneurs को नीचा दिखाया है. मैं David Packard* और Bob Noyce* से मिला और उनसे सबकुछ ऐसे हो जाने पर माफ़ी मांगी. मैं एक बहुत बड़ा public failure था, एक बार तो मैंने valley* छोड़ कर जाने की भी सोची. पर धीरे-धीरे मुझे अहसास हुआ कि मैं जो काम करता हूं, उसके लिए मैं अभी भी passionate हूँ. Apple में जो कुछ हुआ उसकी वजह से मेरे passion में ज़रा भी कमी नहीं आई है….मुझे reject कर दिया गया है, पर मैं अभी भी अपने काम से प्यार करता हूँ. इसलिए मैंने एक बार फिर से शुरुआत करने की सोची. मैंने तब नहीं सोचा पर अब मुझे लगता है कि Apple से fire किये जाने से अच्छी चीज मेरे साथ हो ही नहीं सकती थी. Successful होने का बोझ अब beginner होने के हल्केपन में बदल चुका था, मैं एक बार फिर खुद को बहुत free महसूस कर रहा था…इस फ्रीडम की वज़ह से मैं अपनी life की सबसे creative period में जा पाया.
अगले पांच सालों में मैंने एक company NeXT और एक दूसरी कंपनी Pixar start की और इसी दौरान मेरी मुलाक़ात एक बहुत ही amazing lady से हुई, जो आगे चलकर मेरी wife बनीं. Pixar ने दुनिया की पहली computer animated movie, “ Toy Story” बनायीं, और इस वक्त यह दुनिया का सबसे सफल animation studio है. Apple ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए NeXT को खरीद लिया और मैं Apple में वापस चला गया. आज Apple, NeXT द्वारा develop की गयी technology use करती है….अब Lorene और मेरा एक सुन्दर सा परिवार है. मैं बिलकुल surety के साथ कह सकता हूँ कि अगर मुझे Apple से नहीं निकाला गया होता तो मेरे साथ ये सब-कुछ नहीं होता. ये एक कड़वी दवा थी …पर शायद मरीज को इसकी ज़रूरत थी. कभी-कभी जिंदगी आपको इसी तरह ठोकर मारती है. अपना विश्वास मत खोइए. मैं यकीन के साथ कह सकता हूँ कि मैं सिर्फ इसलिए आगे बढ़ता गया क्योंकि मैं अपने काम से प्यार करता था…I loved my work.
आप really क्या करना पसंद करते हैं यह आपको जानना होगा, जितना अपने love को find करना ज़रूरी है, उतना ही उस काम को ढूँढना ज़रूरी जिसे आप सच-मुच enjoy करते हों आपका काम आपकी जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा होगा, और truly-satisfied होने का एक ही तरीका है कि आप वो करें जिसे आप सच-मुच एक बड़ा काम समझते हों...और बड़ा काम करने का एक ही तरीका है कि आप वो करें जो करना आप enjoy करते हों. यदि आपको अभी तक वो काम नहीं मिला है तो आप रूकिये मत; उसे खोजते रहिये. जैसा कि दिल से जुडी हर चीज में होता है, वो जब आपको मिलेगा तब आपको पता चल जायेगा…और जैसा की किसी अच्छी relationship में होता है वो समय के साथ-साथ और अच्छा होता जायेगा ….इसलिए खोजते रहिये…रूकिये मत.
मेरी तीसरी कहानी death के बारे में है. जब मैं 17 साल का था तो मैंने एक quote पढ़ा, जो कुछ इस तरह था, “ यदि आप हर रोज ऐसे जियें जैसे कि ये आपकी जिंदगी का आखीरी दिन है, तो आप किसी न किसी दिन सही साबित हो जायेंगे.” इसने मेरे दिमाग पे एक impression बना दी, और तबसे…पिछले 33 सालों से, मैंने हर सुबह उठ कर शीशे में देखा है और खुद से एक सवाल किया है, “ अगर ये मेरी जिंदगी का आखिरी दिन होता तो क्या मैं आज वो करता जो मैं करने वाला हूँ?” और जब भी लगातार कई दिनों तक जवाब “नहीं” होता है, मैं समझ जाता हूँ कि कुछ बदलने की ज़रूरत है. इस बात को याद रखना कि मैं बहत जल्द मर जाऊँगा मुझे अपनी life के बड़े decisions लेने में सबसे ज्यादा मददगार होता है, क्योंकि जब एक बार death के बारे में सोचता हूँ तब सारी expectations, सारा pride, fail होने का डर सब कुछ गायब हो जाता है और सिर्फ वही बचता है जो वाकई ज़रूरी है. इस बात को याद करना कि एक दिन मरना है…किसी चीज को खोने के डर को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका है. आप पहले से ही नंगे हैं. ऐसा कोई reason नहीं है कि आप अपने दिल की ना सुनें.
करीब एक साल पहले पता चला कि मुझे cancer है . सुबह 7:30 बजे मेरा scan हुआ, जिसमे साफ़-साफ़ दिख रहा था कि मेरे pancreas में tumor है. मुझे तो पता भी नहीं था की pancreas क्या होता है. Doctor ने लगभग यकीन के साथ बताया कि मुझे एक ऐसा cancer है जिसका इलाज़ संभव नहीं है, और अब मैं बस 3 से 6 महीने का मेहमान हूँ. Doctor ने सलाह दी कि मैं घर जाऊं और अपनी सारी चीजें व्यवस्थित कर लूं, जिसका indirect मतलब होता है कि, “आप मरने की तैयारी कर लीजिए.” इसका मतलब कि आप कोशिश करिये कि आप अपने बच्चों से जो बातें अगले दस साल में करते, वो अगले कुछ ही महीनों में कर लीजिए. इसका ये मतलब होता है कि आप सब-कुछ सुव्यवस्थित कर लीजिए की आपके बाद आपकी family को कम से कम परेशानी हो. इसका ये मतलब होता है कि आप सबको गुड-बाय कर दीजिए.
मैंने इस diagnosis के साथ पूरा दिन बिता दिया फिर शाम को मेरी biopsy हुई जहाँ मेरे मेरे गले के रास्ते, पेट से होते हुए मेरी intestine में एक endoscope डाला गया और एक सुई से tumor से कुछ cells निकाले गए. मैं तो बेहोश था, पर मेरी wife, जो वहाँ मौजूद थी उसने बताया कि जब doctor ने microscope से मेरे cells देखे तो वह रो पड़ा…दरअसल cells देखकर doctor समझ गया कि मुझे एक बहुत ही दुर्लभ प्रकार का pancreatic cancer है जो surgery से ठीक हो सकता है. मेरी surgery हुई और सौभाग्य से अब मैं ठीक हूँ.
मौत के इतना करीब मैं इससे पहले कभी नहीं पहुंचा, और उम्मीद करता हूँ कि अगले कुछ दशकों तक पहुँचूं भी नहीं. ये सब देखने के बाद मैं ओर भी विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि death एक useful but intellectual concept है. कोई मरना नहीं चाहता है, यहाँ तक कि जो लोग स्वर्ग जाना चाहते हैं वो भी…फिर भी मौत वो मंजिल है जिसे हम सब share करते हैं. आज तक इससे कोई बचा नहीं है. और ऐसा ही होना चाहिए क्योंकि शायद मौत ही इस जिंदगी का सबसे बड़ा आविष्कार है. ये जिंदगी को बदलती है, पुराने को हटा कर नए का रास्ता खोलती है. और इस समय नए आप हैं. पर ज्यादा नहीं; कुछ ही दिनों में आप भी पुराने हो जायेंगे और रस्ते से साफ़ हो जायेंगे. इतना dramatic होने के लिए माफ़ी चाहता हूँ पर ये सच है. आपका समय सीमित है, इसलिए इसे किसी और की जिंदगी जी कर व्यर्थ मत कीजिये. बेकार की सोच में मत फंसिए, अपनी जिंदगी को दूसरों के हिसाब से मत चलाइए. औरों के विचारों के शोर में अपनी अंदर की आवाज़ को, अपने intuition को डूबने मत दीजिए. वे पहले से ही जानते हैं कि तुम सच में क्या बनना चाहते हो. बाकि सब गौण है.
जब मैं छोटा था तब एक अद्भुत publication, “The Whole Earth Catalogue” हुआ करता था, जो मेरी generations की bibles में से एक था. इसे Stuart Brand नाम के एक व्यक्ति, जो यहाँ MelonPark से ज्यादा दूर नहीं रहता था, ने इसे अपना poetic touch दे के बड़ा ही जीवंत बना दिया था. ये साठ के दशक की बात है, जब computer और desktop publishing नहीं हुआ करती थीं. पूरा catalogue ..typewriters, scissors और Polaroid cameras की मदद से बनाया जाता था. वो कुछ-कुछ ऐसा था मानो Google को एक book के form में कर दिया गया हो….वो भी गूगल के आने के 35 साल पहले. वह एक आदर्श था, अच्छे tools और महान विचारों से भरा हुआ था.
Stuart और उनकी team ने “The Whole Earth Catalogue”के कई issues निकाले और अंत में एक final issue निकाला. ये सत्तर के दशक का मध्य था और तब मैं आपके जितना था. Final issue के back cover पे प्रातः काल का किसी गाँव की सड़क का द्दृश्य था…वो कुछ ऐसी सड़क थी जिसपे यदि आप adventurous हों तो किसी से lift माँगना चाहेंगे. और उस picture के नीचे लिखा था, “Stay Hungry, Stay Foolish”. ये उनका farewell message था जब उन्होंने sign-off किया, “Stay Hungry, Stay Foolish” और मैंने अपने लिए हमेशा यही wish किया है, और अब जब आप लोग यहाँ से graduate हो रहे हैं तो मैं आपके लिए भी यही wish करता हूँ, stay hungry, stay foolish. Thank you all very much.”
शुक्रवार, 25 मार्च 2016
सफलता का रहस्य
एक बार एक नौजवान लड़के ने सुकरात से पूछा कि सफलता का रहस्य क्या है?
सुकरात ने उस लड़के से कहा कि तुम कल मुझे नदी के किनारे मिलो.वो मिले. फिर सुकरात ने नौजवान से उनके साथ नदी की तरफ बढ़ने को कहा.और जब आगे बढ़ते-बढ़ते पानी गले तक पहुँच गया, तभी अचानक सुकरात ने उस लड़के का सर पकड़ के पानी में डुबो दिया. लड़का बाहर निकलने के लिए संघर्ष करने लगा , लेकिन सुकरात ताकतवर थे और उसे तब तक डुबोये रखे जब तक की वो नीला नहीं पड़ने लगा. फिर सुकरात ने उसका सर पानी से बाहर निकाल दिया और बाहर निकलते ही जो चीज उस लड़के ने सबसे पहले की वो थी हाँफते-हाँफते तेजी से सांस लेना.
सुकरात ने पूछा ,” जब तुम वहाँ थे तो तुम सबसे ज्यादा क्या चाहते थे?”
लड़के ने उत्तर दिया,”सांस लेना”
सुकरात ने कहा,” यही सफलता का रहस्य है. जब तुम सफलता को उतनी ही बुरी तरह से चाहोगे जितना की तुम सांस लेना चाहते थे तो वो तुम्हे मिल जाएगी” इसके आलावा और कोई रहस्य नहीं है.
गुरुवार, 24 मार्च 2016
जो चाहोगे सो पाओगे !
एक साधु था , वह रोज घाट के किनारे बैठ कर चिल्लाया करता था ,”जो चाहोगे सो पाओगे”, जो चाहोगे सो पाओगे।”
बहुत से लोग वहाँ से गुजरते थे पर कोई भी उसकी बात पर ध्यान नहीँ देता था और सब उसे एक पागल आदमी समझते थे।
एक दिन एक युवक वहाँ से गुजरा और उसनेँ उस साधु की आवाज सुनी , “जो चाहोगे सो पाओगे”, जो चाहोगे सो पाओगे।” ,और आवाज सुनते ही उसके पास चला गया।
उसने साधु से पूछा -“महाराज आप बोल रहे थे कि ‘जो चाहोगे सो पाओगे’ तो क्या आप मुझको वो दे सकते हो जो मैँ जो चाहता हूँ?”
साधु उसकी बात को सुनकर बोला – “हाँ बेटा तुम जो कुछ भी चाहता है मैँ उसे जरुर दुँगा, बस तुम्हे मेरी बात माननी होगी। लेकिन पहले ये तो बताओ कि तुम्हे आखिर चाहिये क्या?”
युवक बोला-” मेरी एक ही ख्वाहिश है मैँ हीरों का बहुत बड़ा व्यापारी बनना चाहता हूँ। “
साधू बोला ,” कोई बात नहीँ मैँ तुम्हे एक हीरा और एक मोती देता हूँ, उससे तुम जितने भी हीरे मोती बनाना चाहोगे बना पाओगे !”
और ऐसा कहते हुए साधु ने अपना हाथ आदमी की हथेली पर रखते हुए कहा , ” पुत्र , मैं तुम्हे दुनिया का सबसे अनमोल हीरा दे रहा हूं, लोग इसे ‘समय’ कहते हैं, इसे तेजी से अपनी मुट्ठी में पकड़ लो और इसे कभी मत गंवाना, तुम इससे जितने चाहो उतने हीरे बना सकते हो “
युवक अभी कुछ सोच ही रहा था कि साधु उसका दूसरी हथेली , पकड़ते हुए बोला , ” पुत्र , इसे पकड़ो , यह दुनिया का सबसे कीमती मोती है , लोग इसे “धैर्य ” कहते हैं , जब कभी समय देने के बावजूद परिणाम ना मिलेंटो इस कीमती मोती को धारण कर लेना , याद रखन जिसके पास यह मोती है, वह दुनिया में कुछ भी प्राप्त कर सकता है। “
युवक गम्भीरता से साधु की बातों पर विचार करता है और निश्चय करता है कि आज से वह कभी अपना समय बर्वाद नहीं करेगा और हमेशा धैर्य से काम लेगा । और ऐसा सोचकर वह हीरों के एक बहुत बड़े व्यापारी के यहाँ काम शुरू करता है और अपने मेहनत और ईमानदारी के बल पर एक दिन खुद भी हीरों का बहुत बड़ा व्यापारी बनता है।
Friends, ‘समय’ और ‘धैर्य’ वह दो हीरे-मोती हैं जिनके बल पर हम बड़े से बड़ा लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। अतः ज़रूरी है कि हम अपने कीमती समय को बर्वाद ना करें और अपनी मंज़िल तक पहुँचने के लिए धैर्य से काम लें।
बुधवार, 23 मार्च 2016
Sahi Disha
एक पहलवान जैसा, हट्टा-कट्टा, लंबा-चौड़ा व्यक्ति सामान लेकर किसी स्टेशन पर उतरा। उसनेँ एक टैक्सी वाले से कहा कि मुझे साईँ बाबा के मंदिर जाना है।
टैक्सी वाले नेँ कहा- 200 रुपये लगेँगे। उस पहलवान आदमी नेँ बुद्दिमानी दिखाते हुए कहा- इतने पास के दो सौ रुपये, आप टैक्सी वाले तो लूट रहे हो। मैँ अपना सामान खुद ही उठा कर चला जाऊँगा।
वह व्यक्ति काफी दूर तक सामान लेकर चलता रहा। कुछ देर बाद पुन: उसे वही टैक्सी वाला दिखा, अब उस आदमी ने फिर टैक्सी वाले से पूछा – भैया अब तो मैने आधा से ज्यादा दुरी तर कर ली है तो अब आप कितना रुपये लेँगे?
टैक्सी वाले नेँ जवाब दिया- 400 रुपये।
उस आदमी नेँ फिर कहा- पहले दो सौ रुपये, अब चार सौ रुपये, ऐसा क्योँ।
टैक्सी वाले नेँ जवाब दिया- महोदय, इतनी देर से आप साईँ मंदिर की विपरीत दिशा मेँ दौड़ लगा रहे हैँ जबकि साईँ मँदिर तो दुसरी तरफ है।
उस पहलवान व्यक्ति नेँ कुछ भी नहीँ कहा और चुपचाप टैक्सी मेँ बैठ गया।
इसी तरह जिँदगी के कई मुकाम मेँ हम किसी चीज को बिना गंभीरता से सोचे सीधे काम शुरु कर देते हैँ, और फिर अपनी मेहनत और समय को बर्बाद कर उस काम को आधा ही करके छोड़ देते हैँ। किसी भी काम को हाथ मेँ लेनेँ से पहले पुरी तरह सोच विचार लेवेँ कि क्या जो आप कर रहे हैँ वो आपके लक्ष्य का हिस्सा है कि नहीँ।
हमेशा एक बात याद रखेँ कि दिशा सही होनेँ पर ही मेहनत पूरा रंग लाती है और यदि दिशा ही गलत हो तो आप कितनी भी मेहनत का कोई लाभ नहीं मिल पायेगा। इसीलिए दिशा तय करेँ और आगे बढ़ेँ कामयाबी आपके हाथ जरुर थामेगी।
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