मल्टीलेवल मार्केटिंग में काम भले ही बहुत कम पूंजी से शुरू होता है, लेकिन एक्सरसाइज पूरी कार्पोरेट मार्केटिंग की तरह ही करनी होती है। आप एक सेल्समेन का स्किल लेकर एमएलएम में सक्सेस नहीं हो सकते। आप बिना टूल्स को यूज किए भी सक्सेज नहीं हो सकते। इसलिए ध्यान रखिए और महत्वपूर्ण चीजों को महत्व देने की आदत डालिए।
यूं तो मार्केटिंग की शुरूआत और समापन टूल्स के साथ ही होता है और हर लेवल की मार्केटिंग के लिए अलग अलग टूल्स उपलब्ध होते हैं, लेकिन चूंकि एमएलएम में आपका कोई बॉस नहीं होता, अत: वो आपको टूल्स भी प्रोवाइड नहीं कराता। कंपनी केवल प्रोडक्ट या कंपनी से रिलेटेड कुछ ब्रोशर या मटीरियल दे देती है। इसके अलावा कुछ नहीं। इसलिए बहुत जरूरी है कि प्रत्येक एमएलएम लीडर के पास अपनी टूलकिट रेडी हो।
विजिटिंग कार्ड
इस बारे में हम पहले भी चर्चा कर चुके हैं। मैं दाहराना चाहता हूं कि हमेशा ध्यान रखें, विजिटिंग कार्ड अच्छी क्वालिटी का है, मल्टीकलर प्रिटिंग हो और कार्पोरेट लुक के साथ हो। घटिया और चालू टाइप का न हो।
लेपटॉप या नोटपेड
आपके पास एक अच्छा या लेपटॉप या नोटपेड होना चाहिए। कुछ ऐसा जो साइज में बहुत छोटा न हो, लेकिन बहुत बड़ा भी न हो। जिसमें आप पीपीटी प्रेजेंटेशन दे सकें, वीडियो प्ले कर सकें और इंटरनेट कनेक्टिविटी फास्ट हो।
टीम प्रेजेंटेशन
अपनी टीम को न केवल लिस्टेड रखिए बल्कि शहर में कालोनीवाइज क्लासीफिकेशन कीजिए। लिस्ट में उनके नाम के साथ कान्टेक्ट नंबर और एड्रेस भी दर्ज कीजिए। एक्सेल में यह आसानी से किया जा सकता है और जब आप किसी विजिट पर हों तो वहां उसी कालोनी या एरिया में मौजूद अपनी टीम मेम्बर्स के बारे में बताइए। याद रखिए लोकल कनेक्टिविटी लोगों को प्रभावित करती है और जब लिस्टिंग शानदार तरीके से होती है तो यह प्रूव करती है कि आप फर्जीवाड़ा नहीं कर रहे हैं।
वीडियो प्रेजेंटेशन
अपनी कंपनी या टीम का एक वीडियो प्रेजेंटेशन बनाइए और जब आप विजिट पर हों तो चर्चा शुरू करने से पहले उस वीडियो प्रेजेंटेशन को आन कीजिए, जब तक चाय के कुछ सिप पूरे कीजिए और फिर शुरू कीजिए चर्चा।
ग्रुप डिस्कशन
ज्यादा से ज्यादा कोशिश कीजिए कि आप ग्रुप डिस्कशन में शामिल हों। सामान्यत: वन टू वन मीटिंग वही करते हैं जिनका कान्फीडेंस लेवल कमजोर होता है या जो फर्जी कंपनियों को प्रमोट कर रहे होते हैं।
ब्लॉगिंग
नियमित रूप से लिखने की आदत डालिए और उसे एमएलएम एकता जैसी लोकप्रिय साइट पर पब्लिश कराकर उसकी लिंक अपनी फेसबुक पर शेयर कीजिए। इससे यह क्लीयर हो जाता है कि हम सिस्टमेटिक वर्किंग कर रहे हैं और हमारी टीम जो हमारी फेसबुक से जुड़ी होती है, हमेशा अपडेट होती रहती है। ब्लॉगिंग करने से कई ऐसे लोगों के बीच भी हमारा संदेश पहुंच जाता है जो हमारी टीम का हिस्सा नहीं होते, परंत भविष्य में हो सकते हैं।
फेसबुक
हमेशा ध्यान रखिए, फेक या फिमेल के नाम से बनाए जाने वाले फेसबुक अकाउंट में लोग तो बहुत तेजी से जुड़ जाते हैं परंतु ऐसे लोग किसी काम के नहीं होते। बस संख्या बढ़ाते हैं। दुनिया में ऐसे बहुत से मनचले हैं जो दिनभर सैक्स चेट के लिए लड़कियों को फाइंड करते रहते हैं। ऐसे लोग यदि आपकी फ्रेंडलिस्ट में हैं तो तय मानिए वो कचरे के अलावा कुछ भी नहीं है अत: जैसे किसी बड़ी टीम या कंपनी का फेसबुक अकाउंट होता है, अपना अकाउंट वैसे ही बनाइए। प्रोफाइल पिक्चर में अपना अच्छा सा फोटो डालिए जबकि उसके पीछे अपने किसी ताजा ईवेंट की फोटो डालिए जिसमें टीम भी दिखाई दे।
इसके अलावा भी हैं कई टूल्स जो आपको एमएलएम में काफी सक्सेज दिला सकते हैं। उनकी चर्चा हम अगले दिनों में करेंगे।
ग्रुप प्रॉफिट शेयर
यूं तो मार्केटिंग की शुरूआत और समापन टूल्स के साथ ही होता है और हर लेवल की मार्केटिंग के लिए अलग अलग टूल्स उपलब्ध होते हैं, लेकिन चूंकि एमएलएम में आपका कोई बॉस नहीं होता, अत: वो आपको टूल्स भी प्रोवाइड नहीं कराता। कंपनी केवल प्रोडक्ट या कंपनी से रिलेटेड कुछ ब्रोशर या मटीरियल दे देती है। इसके अलावा कुछ नहीं। इसलिए बहुत जरूरी है कि प्रत्येक एमएलएम लीडर के पास अपनी टूलकिट रेडी हो।
विजिटिंग कार्ड
इस बारे में हम पहले भी चर्चा कर चुके हैं। मैं दाहराना चाहता हूं कि हमेशा ध्यान रखें, विजिटिंग कार्ड अच्छी क्वालिटी का है, मल्टीकलर प्रिटिंग हो और कार्पोरेट लुक के साथ हो। घटिया और चालू टाइप का न हो।
लेपटॉप या नोटपेड
आपके पास एक अच्छा या लेपटॉप या नोटपेड होना चाहिए। कुछ ऐसा जो साइज में बहुत छोटा न हो, लेकिन बहुत बड़ा भी न हो। जिसमें आप पीपीटी प्रेजेंटेशन दे सकें, वीडियो प्ले कर सकें और इंटरनेट कनेक्टिविटी फास्ट हो।
टीम प्रेजेंटेशन
अपनी टीम को न केवल लिस्टेड रखिए बल्कि शहर में कालोनीवाइज क्लासीफिकेशन कीजिए। लिस्ट में उनके नाम के साथ कान्टेक्ट नंबर और एड्रेस भी दर्ज कीजिए। एक्सेल में यह आसानी से किया जा सकता है और जब आप किसी विजिट पर हों तो वहां उसी कालोनी या एरिया में मौजूद अपनी टीम मेम्बर्स के बारे में बताइए। याद रखिए लोकल कनेक्टिविटी लोगों को प्रभावित करती है और जब लिस्टिंग शानदार तरीके से होती है तो यह प्रूव करती है कि आप फर्जीवाड़ा नहीं कर रहे हैं।
वीडियो प्रेजेंटेशन
अपनी कंपनी या टीम का एक वीडियो प्रेजेंटेशन बनाइए और जब आप विजिट पर हों तो चर्चा शुरू करने से पहले उस वीडियो प्रेजेंटेशन को आन कीजिए, जब तक चाय के कुछ सिप पूरे कीजिए और फिर शुरू कीजिए चर्चा।
ग्रुप डिस्कशन
ज्यादा से ज्यादा कोशिश कीजिए कि आप ग्रुप डिस्कशन में शामिल हों। सामान्यत: वन टू वन मीटिंग वही करते हैं जिनका कान्फीडेंस लेवल कमजोर होता है या जो फर्जी कंपनियों को प्रमोट कर रहे होते हैं।
ब्लॉगिंग
नियमित रूप से लिखने की आदत डालिए और उसे एमएलएम एकता जैसी लोकप्रिय साइट पर पब्लिश कराकर उसकी लिंक अपनी फेसबुक पर शेयर कीजिए। इससे यह क्लीयर हो जाता है कि हम सिस्टमेटिक वर्किंग कर रहे हैं और हमारी टीम जो हमारी फेसबुक से जुड़ी होती है, हमेशा अपडेट होती रहती है। ब्लॉगिंग करने से कई ऐसे लोगों के बीच भी हमारा संदेश पहुंच जाता है जो हमारी टीम का हिस्सा नहीं होते, परंत भविष्य में हो सकते हैं।
फेसबुक
हमेशा ध्यान रखिए, फेक या फिमेल के नाम से बनाए जाने वाले फेसबुक अकाउंट में लोग तो बहुत तेजी से जुड़ जाते हैं परंतु ऐसे लोग किसी काम के नहीं होते। बस संख्या बढ़ाते हैं। दुनिया में ऐसे बहुत से मनचले हैं जो दिनभर सैक्स चेट के लिए लड़कियों को फाइंड करते रहते हैं। ऐसे लोग यदि आपकी फ्रेंडलिस्ट में हैं तो तय मानिए वो कचरे के अलावा कुछ भी नहीं है अत: जैसे किसी बड़ी टीम या कंपनी का फेसबुक अकाउंट होता है, अपना अकाउंट वैसे ही बनाइए। प्रोफाइल पिक्चर में अपना अच्छा सा फोटो डालिए जबकि उसके पीछे अपने किसी ताजा ईवेंट की फोटो डालिए जिसमें टीम भी दिखाई दे।
इसके अलावा भी हैं कई टूल्स जो आपको एमएलएम में काफी सक्सेज दिला सकते हैं। उनकी चर्चा हम अगले दिनों में करेंगे।
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