यह लेख सभी नेटवर्कर्स एवं लीडर्स के लिए है।
इसे एक बार नहीं बल्कि बार बार पढ़ें और सोचें की हम सफलता को पाने के लिए क्या कर रहे और क्या नहीं कर रहे। ये लेख आप सभी को एक सही रास्ता दिखायेगा।
🔑
नेटवर्क इंडस्ट्री (Network Industries) के बारे में जितना जान लें उतना कम है….
क्योंकि यह इंडिस्ट्री ढेरों और बड़ी सफलताओं का एक सच्चा रास्ता है....
इसकी ताकत एक नॉर्मल इंसान की सोच से परे है.....
इसका रिज़ल्ट उम्मीदों से कही ज्यादा आता है...
नेटवर्कर दोस्त अक्सर जल्दी के चक्कर में हताश (Depression) के शिकार हो जाते हैं...
नेटवर्क मार्केटिंग इंडस्ट्री केवल व्यापार ही नहीं बल्कि अनगिनत आदर्शों का मिलन है ....जैसे
1. नेटवर्क मार्केटिंग बिज़नेस
2. शोहरत का माध्यम
3. खुद की उपाधि (Post)
4. जरूरतमंदों का सहारा
5. नौकरशाही से छुटकारा
6. दूसरों की सहायता
7. उत्तम कमाई का ज़रिया
8. दूसरों को अवसर देने की लगातार प्रक्रिया
9. भविष्य की योजना
10. सही सपनों का चुनाव
11. अपनी सुविधा के अनुसार समय देना
12. अपनी आमदनी और तरक्की को खुद बजट करना
..आदि ...
सबसे पहली बात यह है कि Network Marketing एक लंबे समय की प्लानिंग है...
मैं आप सब नेटवर्क मार्केटिंग के दोस्तों को यह सलाह देना चाहता हूँ की आप इसे भूलकर भी शॉर्ट टाइम के लिये न चुनें....
क्योंकि अक्सर नेटवर्कर जल्दी रिज़ल्ट के चक्कर में इस इंडस्ट्री में कदम रखता है और उसे कोई फायदा नहीं होता...
क्योंकि अगर बुनियादी सोच ही गलत होगी ....तो उस पर खड़ी होने वाली इमारत भी कमज़ोर ही होगी...
जब एक नेटवर्कर यही सोचकर नेटवर्क मार्केटिंग मे उतरता है .... कि बस जल्दी से लखपति और करोड़पति बनना है ....तो यही सोच एक खतरनाक सोच बन जाती है और उस पर कुछ नहीं टिक सकता....
उदाहरण के लिए : अगर एक नेटवर्कर किसी कंपनी में ज्वाईन (Join) होने के बाद केवल चार - छ: महीनों में रिज़ल्ट न मिलने पर दूसरी कंपनी ज्वाईन कर लेता है ….
तो क्या गारंटी है कि वो दूसरी कंपनी में टिक पायेगा....
और वो तीसरी कंपनी के बारे में नहीं सोचेगा..
फिर वह चौथी कंपनी के बारे में जानकारी लेगा...और उसे भी ज्वाईन कर लेगा...
इस तरह से वह केवल एक से दो साल के अंदर-अंदर कई सारी कम्पनियों में जुड़कर आखिर हताश हो जायेगा....
और अपनी फेस वॅल्यू (Face Value) को खो देगा...
दुनिया में हर चीज़ के साथ एक नियम है....नेटवर्किंग का भी एक नियम है...
जब तक नेटवर्कर...नेटवर्किंग के नियमों को जान नहीं पाता ...तब तक उसके साथ कई दुविधाएँ हो सकती हैं...
यह तो हम सभी जानते है कि सिर्फ एक बार बारिश होने से नदी में पानी नहीं भरता न ही बाढ़ आती है ....
पढ़ाई में एक क्लास से दूसरी क्लास में जाने के लिए
सिर्फ एक बार के exam (इम्तिहान) देने से पास नहीं हो सकता है..
धावक एक छलांग लगा देने से कई किलोमीटर की दूरी नहीं पार कर सकता है....
तो फिर नेटवर्किंग में यह कैसे संभव हो सकता है ....?
नेटवर्क मार्केटिंग कोई जादू नहीं है ..
जहां आपने कहा ...
आबरा का डाबरा ..गिली गिली ..छू....
और आप लखपति और करोड़पति बन जायेंगे...
यहाँ पर मैं आपको एक कहानी के माध्यम से कुछ बताना और सिखाना चाहता हूँ ....ध्यान दीजियेगा .....!!
एक अध्यापक अपने स्कूल के बच्चों को लेकर एक खेत में जाते हैं ....
उस अध्यापक ने कहा ..."ज़रा खेत को ध्यान से देखो"
बच्चों ने देखा और कहा " यहाँ तो कम से कम 12 से 15 गड्ढे हैं....सारा खेत ही खराब हो गया है..."
इतने मे खेत का मालिक आ पहुंचा...
अध्यापक ने खेत के मालिक से पूछा कि खेत में इतने सारे गड्ढे क्यों हैं ...?
तो खेत के मालिक ने अध्यापक से कहा कि कुआँ खोद रहा हूँ .....
उन्ही में से एक बच्चे ने खेत के मालिक से पूछा कि आप कितने कुएँ चाहते है ....?
तो खेत के मालिक ने कहा कि…. एक कुआँ चाहता हूँ ..!
इतने में दूसरे बच्चे ने पूछा ....मगर यंहा तो 12 से 15 गड्ढे हैं ...
खेत के मालिक ने तुरंत जवाब दिया कि....
हाँ ...वो तो है ...पर क्या करता ?
जहां खोदा वहाँ पानी नहीं निकला ...तो इसलिये दूसरा गड्ढा खोदा..
इस बीच तीसरे बच्चे ने पूछा : कब से कर रहे हो ? यह काम ?
खेत का मालिक : करीब छ: महीने हो गये हैं....
अध्यापक : अगर तुम एक ही जगह एक ही गड्ढा खोदते वो भी लगातार मेहनत करते हुए ....तो यह गड्ढा ज्यादा गहरा होता...
और सम्भव है कि पानी भी उपर आ जाता....
क्योंकि अधिक गहराई तक खोदने से.... ऐसा ही होता है ...."यह विज्ञान का नियम है"
और तुमने हर एक गड्ढा सिर्फ 4 से 6 फुट ही खोदा है...
15 गड्ढों के बदले अगर एक ही जगह 40 फुट तक खोदते तो पानी को तो निकलना ही था....!!
उस खेत के मालिक ने सारे गड्ढे बंद करवाकर ....सिर्फ एक ही गड्ढा खोदा वो भी करीब 40 फुट तक,....और पानी निकला ..!!
अध्यापक ने सभी बच्चों से कहा ...
"तुम सब इसी को सबक समझो ..."
अक्सर हम अलग - अलग क्षेत्रों में ज़रा सी कोशिश करते हैं ...पर किसी में सफलता नहीं मिलती है ...
अगर हम उसी कोशिश को एक ही क्षेत्र में लगातार करें तो क्या हमे उस क्षेत्र में सफलता नहीं मिलेगी ? ---बिल्कुल मिलेगी ..!!
इसी तरह से नेटवर्कर भी जल्दी के चक्कर में हताश हो जाता है...
मेहनत तो करता है, कोशिश भी करता है,
परन्तु कभी किसी कंपनी के लिये तो कभी किसी कंपनी के लिये ...
बस ये सोचकर कि जल्दी से मैं भी अमीर बन जाऊँ औरों की तरह ....
और जब उसके हिसाब से सब नहीं चल रहा होता....तो बस वो ...
बेसब्र हो जाता है..
हताश हो जाता है ..
टूट जाता है...
दुखी हो जाता है
परेशान सा रहने लगता है ...
मुंह उतर सा जाता है...
चेहरे से मुस्कान गायब हो जाती है..
औरों से कटा-कटा सा रहने लगता है...
सेमिनार में आना बंद कर देता है …
कंधे झुके-झुके से रहते हैं...
किसी से आंखे मिलाकर बात नहीं करता...
कभी-कभी सेमीनार में दिखाई भी देता है...पर पूरी ड्रेस में नहीं होता ...
अलग-अलग लोगों से फोन No. लेता हुआ दिखाई देता है ...
अपनी टीम के सदस्यों से कंपनी को लेकर बुराई करने लगता है ...
कंपनी के काम, उसके प्रोडक्ट पैकेज में बुराई निकाल कर अपनी ही टीम को लोगों को कंपनी के खिलाफ करने लगता है ,,,
अपने घर पर बुला कर अपनी ही टीम के लोगों को दूसरी कंपनी का प्लान दिखाता है ..और उस कंपनी के लिये पॉज़िटिव करता है...
क्योंकि उसे मालूम है की इन्ही लोगों को ... यहाँ से ले जाकर दूसरी कंपनी में अपने नीचे लगाऊँगा...
वो अपने साथ साथ ...दूसरों के सपनों को भी तोड देता है...
न खूद जल्दबाज़ी में क़मा पाता है…. न ही अपनी टीम के लोगों को कमाने देता है…
ऐसे नेटवर्कर को आप अलग से पहचान सकते हैं ....
मेरे प्यारे दोस्तो...
नेटवर्क मार्केटिंग भी एक (System) सिस्टम है ...
जहाँ लगातार कोशिश और मेहनत की ज़रूरत है ....
मगर ध्यान देने वाली बात यह है कि रिजल्ट (Result) मिलने तक उस कंपनी और प्लान पर ही टिके रहें ....और अपना ध्यान न खोयें ..!! बस लगे रहें..!!
कितनी बार मैने लोगों को देखा है कि वो ध्यान लगाकर प्लान के साथ जुड गए और सफल हो गए...
और कई लोगों को ऐसा भी देखा है कि वो अपना ध्यान भटक गए और प्लान और कंपनी बदल बैठे और नरक की गलियों में आज भी घूम रहे हैं...
क्योंकी एक नेटवर्कर बड़ी श्रद्धा के साथ कंपनी के साथ जुडता है और फिर कुछ समय बाद वो उसे छोड़कर दूसरी कंपनी में चला जाता है ...
आपको मालूम होना चाहिये...
कि इस तरह बार - बार कंपनी, प्लान और श्रद्धा को बदलने से केवल हताशा ही हाथ लगेगी ...
बस इतना ध्यान रखें कि अपनी श्रद्धा में इमानदारी को पैदा करें ...
क्योंकि नेटवर्क मार्केटिंग.... "ईमानदारी" का ही दूसरा नाम ( रूप, और चेहरा ) है...!!
इस "ईमानदारी" शब्द को लेकर कुछ अपनी भी बात हो ही जाये ....
हम ...वैसे बड़े ईमानदार होते हैं ,
बनते भी हैं..
और कोशिश भी करते हैं ...
फिर भी हम ईमानदार साबित नहीं होते ? क्यों ?
हम अपनी आदतों के साथ बड़े ईमानदार बनते हैं...
हम अपनी ज़िंदगी को लेकर सीरियस जरूर होते हैं ...पर शायद उतना ईमानदार नहीं जितना हमें अपने कर्तव्य को लेकर होना चाहिए...
नेटवर्किंग मार्केटिंग से जुड़ने के बाद हम अक्सर यही सुनते हैं की रोज़ प्लान दिखाना चाहिए....
रोज़ नये लोगों से मिलना चाहिए…
कंपनी - उसके प्लान और प्रॉडक्ट के बारे में अधिक से अधिक जानकारी लोगों तक पहुंचानी चाहिये…
क्या हम यह ईमानदारी से कर पाते हैं ..
कहीं न कहीं ...कमी करते ही हैं ..
अगर हमारे कोई सीनियर जब हमसे पूछते हैं ...तो हम यही जवाब देते हैं की...
कल मैं बहुत थक गया था.
थोड़ी तबियत सी खराब थी..
मीटिंग ही कैन्सल हो गई..
बाइक का एक्सिडेंट हो गया था…
घर में शादी थी...
फादर को डॉक्टर के पास लेकर जाना पड़ा...
रात देर से सोया था...
वाइफ की तबियत खराब थी ..
समय पर बस ही नहीं मिली ..
उधर बहुत जाम लगा हुआ था ...
जिसको बुलाया था वो आया ही नहीं ...
हमारे उधर बहुत तेज़ बारिश हो रही थी ...
बहुत तेज गर्मी थी ..लू चल रही थी..
बहुत ठंड थी...
हमारे उधर घुटने - घुटने तक पानी भरा हुआ था ...रिलेशन में तेहरवीं पर जाना पड गया..
वगैरा - वगैरा
क्या हम वास्तव में ईमानदारी को निभा रहे हैं ...
या बहानों को ही सीरियस लेकर आगे बढ़ने की कोशिश मात्र है ....
ज़रा सा रूकें ...और दोबारा से सोचें ...!!
हम खाना नहीं छोड़ते...
हम अखबार पढ़ना नहीं भूलते...
हम TV देखना नहीं भूलते...
हम सिनेमा देखना नहीं छोड़ते..
कुछ हममे से ही… जो सिगरेट पीना नहीं भूलते...
तो क्या केवल हम काम के प्रति ही भूल करते हैं ?
सच तो यह है कि जिन सपनों को पूरा करने के लिए जिस काम को हमने चुना है...
उसी के साथ बेईमानी करते हैं ...तो क्या हम सफल हो सकते हैं...?
बताईये ...और अच्छे से सोच कर जवाब दीजिये....
ऐसा हम क्यों करते हैं ?
क्या हम ईमानदार नहीं हैं ?
नहीं...हम तो बिल्कुल ईमानदार हैं ..!!
तो क्या हम अपने काम को लेकर सीरियस नहीं हैं ?
नहीं...हम बिल्कुल सीरियस हैं...!!
तो फिर क्या हम अपने सपनों से दूर हो चुके हैं ?
नहीं...हम तो अपने सपनों के लिये ही जी रहे हैं...!!
तो क्या हम नालायक हैं ?
नहीं...बिल्कुल नहीं ...!! बल्कि हम तो सफल होने के लिये सब कुछ कर सकते हैं ...
तो फिर कहाँ हम से गलती रह जाती है ...या गलत कर बैठते हैं ...कि हमारे पास ढेर सारे बहाने जन्म ले लेते हैं ?
जिस तरह जीवन विकास के लिए मोटिवेशन ट्रैनिंग्स ...और जीवन के लिये धर्म के अनुसार ध्यान को लेकर चर्चा है ...
आपको पता होगा की अक्सर ट्रैनिंग्स में "ध्यान" योगा के बारे में मोटिवेशन की बातें समझाई जाती हैं ...
यह मेडिटेशन कोई और नहीं बल्कि यही है ..."काम करने का तरीका"
"सब छोड़ दो ...पर ध्यान मत छोड़ो"
एक वक्त खाना नहीं खाने से... और एक रात ठीक से सोने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा....!!
एक दिन अखबार नहीं पढ़ने से ...अगले दिन समाचार नहीं बदलेंगे ...वो वैसे ही रहेंगे...
एक्सीडेंट
मर्डर
राजनीति
सब कुछ वैसा ही चलेगा ... जैसे चलना होता है...!!
लेकिन अगर आप अपने कर्तव्य के ध्यान से भटक जाओगे तो सब कुछ बदल जायेगा...
और रिज़ल्ट उल्टे ही मिलेंगे...
दोस्तो नेटवर्क मार्केटिंग में सफलता केवल और केवल ध्यान का ही नतीजा है
नेटवर्किंग भविष्य के लिये सांस है ...सफलता उसके लिए ध्यान है...
बस ध्यान से मत भटकें...
सफलता आपके लिये सारे दरवाज़े खोल देगी..।।।।। जो आपके सारे सपने पूरे कर सकती है।
और फिर यहाँ जीपीएस ग्रुप में आप खुद ही एक से ज्यादा नेटवर्किंग कम्पनियों से जुड़ रहे हैं, क्योंकि हमारा ये मानना है कि हर इंसान की जरूरत अलग-अलग होती है लेकिन जिन चीज़ों की जरूरत उसे होती है वो जरूरी नहीँ कि कोई एक नेटवर्किंग कम्पनी पूरी कर देती हो, चाहे जितनी भी बड़ी कम्पनी क्यों ना हो उसके सारे प्रोडक्ट आप क्यों ना खरीदते हों फिर भी कई प्रोडक्ट ऐसे होते हैं जिन्हें बाहर से खरीदना पड़ता है, हम सभी ग्राहक हैं तो हमारी पसन्द जरूरत और मूल्य का जो प्रोडक्ट हमें अच्छा लगेगा वो हम खरीदेंगे ना कि नेटवर्किंग कम्पनियों के किसी भी प्रकार के प्रोडक्ट चाहे हमें और हमारे परिवार को पसन्द हो या ना हो। हमारा ग्रुप इसी सोच को लेकर आगे बढ़ रहा है। हमें एक प्रोडक्ट किसी कम्पनी का पसन्द है दूसरा प्रोडक्ट किसी दूसरी अन्य कम्पनी का, तो हम अपनी पसन्द को ही कुचलने लगे तो सफलता पाने के बाद भी हम खुद को क्या पूर्ण सन्तुष्ट कह सकते हैं? बिल्कुल नहीं।
पूरी मेंहनत करने के बाद जब वो कम्पनी अपने नियम या प्रोडक्ट मूल्य अचानक बढ़ा देती है तब हमारी क्या हालत होती है उस कम्पनी को पता चलता है क्या? जाने कितनी फर्जी कम्पनी हम लोगों की मेहनत का पैसा लेकर चम्पत हो गयीं, जिन्होंने अपनी पूरी जमा पूँजी ऐसी कम्पनी में लगा दी हो उसकी हालत कोई पूछने गया? अंदर की टीस अक्सर उभर ही आती है क्योंकि ऐसा एक बार नहीं कई बार होता है तो ऐसे में कोई सही कम्पनी भी आएगी तो भी ऐसे दूध के जले हुए लोग जुड़ने से मना कर देते हैं, समस्या ऐसे लोगों में बस इतनी ही थी कि ज्यादा लालच के चक्कर में वो ज्यादा बड़ा घाटा उठा बैठे, लेकिन हम सबको एक होकर ऐसी फर्जी कम्पनियों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठानी ही होगी और इसके लिए एकजुट होना पड़ेगा। पूरा नेटवर्किंग सिस्टम ही जीपीएस ने इतना सरल और आसान कर दिया है कि अब नेटवर्क मार्केटिंग के बड़े बड़े लीडर के बिना भी आप खुद लीडर बन कर ऐसे लीडर्स के बराबर या ज्यादा कमाई कर सकते हैं।अगर आप अपने शहर या गाँव के पहले व्यक्ति हैं जो जीपीएस में जुड़ने जा रहे हैं तो आपको मार्केटिंग एग्जेक्युटिव की भूमिका भी निभानी होगी, इसका अलग से आपको कमीशन मिलेगा, साथ ही आप पहले जुड़ने की वजह से हमेशा टॉप पर रहकर ज्यादा फायदा उठाएंगे। अगर कोई व्यक्ति ऐसा नहीं कर सकता तो उसके दिए गए प्रोपोजल लिस्ट को हम फोन से डील करेंगे। धीरे धीरे जब आपके जिले के आसपास हमारे ऑफिस खुल जायेंगे तब आप वहाँ पर मीटिंग में अपने लोगों को भेज कर प्लान समझवा हैं, या आपके जिले में भी बाद में मीटिंग करवाई जा सकती है। यहाँ पर ऐसा सिस्टम बनाया गया है कि सभी को फायदा पहुँचाया जा सके। और अगर आप इस फायदे को उठाना चाहते हैं तो शीघ्र ही इस से जुड़ कर सफलता की मंज़िल की तरफ कदम उठायें।
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इसे एक बार नहीं बल्कि बार बार पढ़ें और सोचें की हम सफलता को पाने के लिए क्या कर रहे और क्या नहीं कर रहे। ये लेख आप सभी को एक सही रास्ता दिखायेगा।
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नेटवर्क इंडस्ट्री (Network Industries) के बारे में जितना जान लें उतना कम है….
क्योंकि यह इंडिस्ट्री ढेरों और बड़ी सफलताओं का एक सच्चा रास्ता है....
इसकी ताकत एक नॉर्मल इंसान की सोच से परे है.....
इसका रिज़ल्ट उम्मीदों से कही ज्यादा आता है...
नेटवर्कर दोस्त अक्सर जल्दी के चक्कर में हताश (Depression) के शिकार हो जाते हैं...
नेटवर्क मार्केटिंग इंडस्ट्री केवल व्यापार ही नहीं बल्कि अनगिनत आदर्शों का मिलन है ....जैसे
1. नेटवर्क मार्केटिंग बिज़नेस
2. शोहरत का माध्यम
3. खुद की उपाधि (Post)
4. जरूरतमंदों का सहारा
5. नौकरशाही से छुटकारा
6. दूसरों की सहायता
7. उत्तम कमाई का ज़रिया
8. दूसरों को अवसर देने की लगातार प्रक्रिया
9. भविष्य की योजना
10. सही सपनों का चुनाव
11. अपनी सुविधा के अनुसार समय देना
12. अपनी आमदनी और तरक्की को खुद बजट करना
..आदि ...
सबसे पहली बात यह है कि Network Marketing एक लंबे समय की प्लानिंग है...
मैं आप सब नेटवर्क मार्केटिंग के दोस्तों को यह सलाह देना चाहता हूँ की आप इसे भूलकर भी शॉर्ट टाइम के लिये न चुनें....
क्योंकि अक्सर नेटवर्कर जल्दी रिज़ल्ट के चक्कर में इस इंडस्ट्री में कदम रखता है और उसे कोई फायदा नहीं होता...
क्योंकि अगर बुनियादी सोच ही गलत होगी ....तो उस पर खड़ी होने वाली इमारत भी कमज़ोर ही होगी...
जब एक नेटवर्कर यही सोचकर नेटवर्क मार्केटिंग मे उतरता है .... कि बस जल्दी से लखपति और करोड़पति बनना है ....तो यही सोच एक खतरनाक सोच बन जाती है और उस पर कुछ नहीं टिक सकता....
उदाहरण के लिए : अगर एक नेटवर्कर किसी कंपनी में ज्वाईन (Join) होने के बाद केवल चार - छ: महीनों में रिज़ल्ट न मिलने पर दूसरी कंपनी ज्वाईन कर लेता है ….
तो क्या गारंटी है कि वो दूसरी कंपनी में टिक पायेगा....
और वो तीसरी कंपनी के बारे में नहीं सोचेगा..
फिर वह चौथी कंपनी के बारे में जानकारी लेगा...और उसे भी ज्वाईन कर लेगा...
इस तरह से वह केवल एक से दो साल के अंदर-अंदर कई सारी कम्पनियों में जुड़कर आखिर हताश हो जायेगा....
और अपनी फेस वॅल्यू (Face Value) को खो देगा...
दुनिया में हर चीज़ के साथ एक नियम है....नेटवर्किंग का भी एक नियम है...
जब तक नेटवर्कर...नेटवर्किंग के नियमों को जान नहीं पाता ...तब तक उसके साथ कई दुविधाएँ हो सकती हैं...
यह तो हम सभी जानते है कि सिर्फ एक बार बारिश होने से नदी में पानी नहीं भरता न ही बाढ़ आती है ....
पढ़ाई में एक क्लास से दूसरी क्लास में जाने के लिए
सिर्फ एक बार के exam (इम्तिहान) देने से पास नहीं हो सकता है..
धावक एक छलांग लगा देने से कई किलोमीटर की दूरी नहीं पार कर सकता है....
तो फिर नेटवर्किंग में यह कैसे संभव हो सकता है ....?
नेटवर्क मार्केटिंग कोई जादू नहीं है ..
जहां आपने कहा ...
आबरा का डाबरा ..गिली गिली ..छू....
और आप लखपति और करोड़पति बन जायेंगे...
यहाँ पर मैं आपको एक कहानी के माध्यम से कुछ बताना और सिखाना चाहता हूँ ....ध्यान दीजियेगा .....!!
एक अध्यापक अपने स्कूल के बच्चों को लेकर एक खेत में जाते हैं ....
उस अध्यापक ने कहा ..."ज़रा खेत को ध्यान से देखो"
बच्चों ने देखा और कहा " यहाँ तो कम से कम 12 से 15 गड्ढे हैं....सारा खेत ही खराब हो गया है..."
इतने मे खेत का मालिक आ पहुंचा...
अध्यापक ने खेत के मालिक से पूछा कि खेत में इतने सारे गड्ढे क्यों हैं ...?
तो खेत के मालिक ने अध्यापक से कहा कि कुआँ खोद रहा हूँ .....
उन्ही में से एक बच्चे ने खेत के मालिक से पूछा कि आप कितने कुएँ चाहते है ....?
तो खेत के मालिक ने कहा कि…. एक कुआँ चाहता हूँ ..!
इतने में दूसरे बच्चे ने पूछा ....मगर यंहा तो 12 से 15 गड्ढे हैं ...
खेत के मालिक ने तुरंत जवाब दिया कि....
हाँ ...वो तो है ...पर क्या करता ?
जहां खोदा वहाँ पानी नहीं निकला ...तो इसलिये दूसरा गड्ढा खोदा..
इस बीच तीसरे बच्चे ने पूछा : कब से कर रहे हो ? यह काम ?
खेत का मालिक : करीब छ: महीने हो गये हैं....
अध्यापक : अगर तुम एक ही जगह एक ही गड्ढा खोदते वो भी लगातार मेहनत करते हुए ....तो यह गड्ढा ज्यादा गहरा होता...
और सम्भव है कि पानी भी उपर आ जाता....
क्योंकि अधिक गहराई तक खोदने से.... ऐसा ही होता है ...."यह विज्ञान का नियम है"
और तुमने हर एक गड्ढा सिर्फ 4 से 6 फुट ही खोदा है...
15 गड्ढों के बदले अगर एक ही जगह 40 फुट तक खोदते तो पानी को तो निकलना ही था....!!
उस खेत के मालिक ने सारे गड्ढे बंद करवाकर ....सिर्फ एक ही गड्ढा खोदा वो भी करीब 40 फुट तक,....और पानी निकला ..!!
अध्यापक ने सभी बच्चों से कहा ...
"तुम सब इसी को सबक समझो ..."
अक्सर हम अलग - अलग क्षेत्रों में ज़रा सी कोशिश करते हैं ...पर किसी में सफलता नहीं मिलती है ...
अगर हम उसी कोशिश को एक ही क्षेत्र में लगातार करें तो क्या हमे उस क्षेत्र में सफलता नहीं मिलेगी ? ---बिल्कुल मिलेगी ..!!
इसी तरह से नेटवर्कर भी जल्दी के चक्कर में हताश हो जाता है...
मेहनत तो करता है, कोशिश भी करता है,
परन्तु कभी किसी कंपनी के लिये तो कभी किसी कंपनी के लिये ...
बस ये सोचकर कि जल्दी से मैं भी अमीर बन जाऊँ औरों की तरह ....
और जब उसके हिसाब से सब नहीं चल रहा होता....तो बस वो ...
बेसब्र हो जाता है..
हताश हो जाता है ..
टूट जाता है...
दुखी हो जाता है
परेशान सा रहने लगता है ...
मुंह उतर सा जाता है...
चेहरे से मुस्कान गायब हो जाती है..
औरों से कटा-कटा सा रहने लगता है...
सेमिनार में आना बंद कर देता है …
कंधे झुके-झुके से रहते हैं...
किसी से आंखे मिलाकर बात नहीं करता...
कभी-कभी सेमीनार में दिखाई भी देता है...पर पूरी ड्रेस में नहीं होता ...
अलग-अलग लोगों से फोन No. लेता हुआ दिखाई देता है ...
अपनी टीम के सदस्यों से कंपनी को लेकर बुराई करने लगता है ...
कंपनी के काम, उसके प्रोडक्ट पैकेज में बुराई निकाल कर अपनी ही टीम को लोगों को कंपनी के खिलाफ करने लगता है ,,,
अपने घर पर बुला कर अपनी ही टीम के लोगों को दूसरी कंपनी का प्लान दिखाता है ..और उस कंपनी के लिये पॉज़िटिव करता है...
क्योंकि उसे मालूम है की इन्ही लोगों को ... यहाँ से ले जाकर दूसरी कंपनी में अपने नीचे लगाऊँगा...
वो अपने साथ साथ ...दूसरों के सपनों को भी तोड देता है...
न खूद जल्दबाज़ी में क़मा पाता है…. न ही अपनी टीम के लोगों को कमाने देता है…
ऐसे नेटवर्कर को आप अलग से पहचान सकते हैं ....
मेरे प्यारे दोस्तो...
नेटवर्क मार्केटिंग भी एक (System) सिस्टम है ...
जहाँ लगातार कोशिश और मेहनत की ज़रूरत है ....
मगर ध्यान देने वाली बात यह है कि रिजल्ट (Result) मिलने तक उस कंपनी और प्लान पर ही टिके रहें ....और अपना ध्यान न खोयें ..!! बस लगे रहें..!!
कितनी बार मैने लोगों को देखा है कि वो ध्यान लगाकर प्लान के साथ जुड गए और सफल हो गए...
और कई लोगों को ऐसा भी देखा है कि वो अपना ध्यान भटक गए और प्लान और कंपनी बदल बैठे और नरक की गलियों में आज भी घूम रहे हैं...
क्योंकी एक नेटवर्कर बड़ी श्रद्धा के साथ कंपनी के साथ जुडता है और फिर कुछ समय बाद वो उसे छोड़कर दूसरी कंपनी में चला जाता है ...
आपको मालूम होना चाहिये...
कि इस तरह बार - बार कंपनी, प्लान और श्रद्धा को बदलने से केवल हताशा ही हाथ लगेगी ...
बस इतना ध्यान रखें कि अपनी श्रद्धा में इमानदारी को पैदा करें ...
क्योंकि नेटवर्क मार्केटिंग.... "ईमानदारी" का ही दूसरा नाम ( रूप, और चेहरा ) है...!!
इस "ईमानदारी" शब्द को लेकर कुछ अपनी भी बात हो ही जाये ....
हम ...वैसे बड़े ईमानदार होते हैं ,
बनते भी हैं..
और कोशिश भी करते हैं ...
फिर भी हम ईमानदार साबित नहीं होते ? क्यों ?
हम अपनी आदतों के साथ बड़े ईमानदार बनते हैं...
हम अपनी ज़िंदगी को लेकर सीरियस जरूर होते हैं ...पर शायद उतना ईमानदार नहीं जितना हमें अपने कर्तव्य को लेकर होना चाहिए...
नेटवर्किंग मार्केटिंग से जुड़ने के बाद हम अक्सर यही सुनते हैं की रोज़ प्लान दिखाना चाहिए....
रोज़ नये लोगों से मिलना चाहिए…
कंपनी - उसके प्लान और प्रॉडक्ट के बारे में अधिक से अधिक जानकारी लोगों तक पहुंचानी चाहिये…
क्या हम यह ईमानदारी से कर पाते हैं ..
कहीं न कहीं ...कमी करते ही हैं ..
अगर हमारे कोई सीनियर जब हमसे पूछते हैं ...तो हम यही जवाब देते हैं की...
कल मैं बहुत थक गया था.
थोड़ी तबियत सी खराब थी..
मीटिंग ही कैन्सल हो गई..
बाइक का एक्सिडेंट हो गया था…
घर में शादी थी...
फादर को डॉक्टर के पास लेकर जाना पड़ा...
रात देर से सोया था...
वाइफ की तबियत खराब थी ..
समय पर बस ही नहीं मिली ..
उधर बहुत जाम लगा हुआ था ...
जिसको बुलाया था वो आया ही नहीं ...
हमारे उधर बहुत तेज़ बारिश हो रही थी ...
बहुत तेज गर्मी थी ..लू चल रही थी..
बहुत ठंड थी...
हमारे उधर घुटने - घुटने तक पानी भरा हुआ था ...रिलेशन में तेहरवीं पर जाना पड गया..
वगैरा - वगैरा
क्या हम वास्तव में ईमानदारी को निभा रहे हैं ...
या बहानों को ही सीरियस लेकर आगे बढ़ने की कोशिश मात्र है ....
ज़रा सा रूकें ...और दोबारा से सोचें ...!!
हम खाना नहीं छोड़ते...
हम अखबार पढ़ना नहीं भूलते...
हम TV देखना नहीं भूलते...
हम सिनेमा देखना नहीं छोड़ते..
कुछ हममे से ही… जो सिगरेट पीना नहीं भूलते...
तो क्या केवल हम काम के प्रति ही भूल करते हैं ?
सच तो यह है कि जिन सपनों को पूरा करने के लिए जिस काम को हमने चुना है...
उसी के साथ बेईमानी करते हैं ...तो क्या हम सफल हो सकते हैं...?
बताईये ...और अच्छे से सोच कर जवाब दीजिये....
ऐसा हम क्यों करते हैं ?
क्या हम ईमानदार नहीं हैं ?
नहीं...हम तो बिल्कुल ईमानदार हैं ..!!
तो क्या हम अपने काम को लेकर सीरियस नहीं हैं ?
नहीं...हम बिल्कुल सीरियस हैं...!!
तो फिर क्या हम अपने सपनों से दूर हो चुके हैं ?
नहीं...हम तो अपने सपनों के लिये ही जी रहे हैं...!!
तो क्या हम नालायक हैं ?
नहीं...बिल्कुल नहीं ...!! बल्कि हम तो सफल होने के लिये सब कुछ कर सकते हैं ...
तो फिर कहाँ हम से गलती रह जाती है ...या गलत कर बैठते हैं ...कि हमारे पास ढेर सारे बहाने जन्म ले लेते हैं ?
जिस तरह जीवन विकास के लिए मोटिवेशन ट्रैनिंग्स ...और जीवन के लिये धर्म के अनुसार ध्यान को लेकर चर्चा है ...
आपको पता होगा की अक्सर ट्रैनिंग्स में "ध्यान" योगा के बारे में मोटिवेशन की बातें समझाई जाती हैं ...
यह मेडिटेशन कोई और नहीं बल्कि यही है ..."काम करने का तरीका"
"सब छोड़ दो ...पर ध्यान मत छोड़ो"
एक वक्त खाना नहीं खाने से... और एक रात ठीक से सोने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा....!!
एक दिन अखबार नहीं पढ़ने से ...अगले दिन समाचार नहीं बदलेंगे ...वो वैसे ही रहेंगे...
एक्सीडेंट
मर्डर
राजनीति
सब कुछ वैसा ही चलेगा ... जैसे चलना होता है...!!
लेकिन अगर आप अपने कर्तव्य के ध्यान से भटक जाओगे तो सब कुछ बदल जायेगा...
और रिज़ल्ट उल्टे ही मिलेंगे...
दोस्तो नेटवर्क मार्केटिंग में सफलता केवल और केवल ध्यान का ही नतीजा है
नेटवर्किंग भविष्य के लिये सांस है ...सफलता उसके लिए ध्यान है...
बस ध्यान से मत भटकें...
सफलता आपके लिये सारे दरवाज़े खोल देगी..।।।।। जो आपके सारे सपने पूरे कर सकती है।
और फिर यहाँ जीपीएस ग्रुप में आप खुद ही एक से ज्यादा नेटवर्किंग कम्पनियों से जुड़ रहे हैं, क्योंकि हमारा ये मानना है कि हर इंसान की जरूरत अलग-अलग होती है लेकिन जिन चीज़ों की जरूरत उसे होती है वो जरूरी नहीँ कि कोई एक नेटवर्किंग कम्पनी पूरी कर देती हो, चाहे जितनी भी बड़ी कम्पनी क्यों ना हो उसके सारे प्रोडक्ट आप क्यों ना खरीदते हों फिर भी कई प्रोडक्ट ऐसे होते हैं जिन्हें बाहर से खरीदना पड़ता है, हम सभी ग्राहक हैं तो हमारी पसन्द जरूरत और मूल्य का जो प्रोडक्ट हमें अच्छा लगेगा वो हम खरीदेंगे ना कि नेटवर्किंग कम्पनियों के किसी भी प्रकार के प्रोडक्ट चाहे हमें और हमारे परिवार को पसन्द हो या ना हो। हमारा ग्रुप इसी सोच को लेकर आगे बढ़ रहा है। हमें एक प्रोडक्ट किसी कम्पनी का पसन्द है दूसरा प्रोडक्ट किसी दूसरी अन्य कम्पनी का, तो हम अपनी पसन्द को ही कुचलने लगे तो सफलता पाने के बाद भी हम खुद को क्या पूर्ण सन्तुष्ट कह सकते हैं? बिल्कुल नहीं।
पूरी मेंहनत करने के बाद जब वो कम्पनी अपने नियम या प्रोडक्ट मूल्य अचानक बढ़ा देती है तब हमारी क्या हालत होती है उस कम्पनी को पता चलता है क्या? जाने कितनी फर्जी कम्पनी हम लोगों की मेहनत का पैसा लेकर चम्पत हो गयीं, जिन्होंने अपनी पूरी जमा पूँजी ऐसी कम्पनी में लगा दी हो उसकी हालत कोई पूछने गया? अंदर की टीस अक्सर उभर ही आती है क्योंकि ऐसा एक बार नहीं कई बार होता है तो ऐसे में कोई सही कम्पनी भी आएगी तो भी ऐसे दूध के जले हुए लोग जुड़ने से मना कर देते हैं, समस्या ऐसे लोगों में बस इतनी ही थी कि ज्यादा लालच के चक्कर में वो ज्यादा बड़ा घाटा उठा बैठे, लेकिन हम सबको एक होकर ऐसी फर्जी कम्पनियों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठानी ही होगी और इसके लिए एकजुट होना पड़ेगा। पूरा नेटवर्किंग सिस्टम ही जीपीएस ने इतना सरल और आसान कर दिया है कि अब नेटवर्क मार्केटिंग के बड़े बड़े लीडर के बिना भी आप खुद लीडर बन कर ऐसे लीडर्स के बराबर या ज्यादा कमाई कर सकते हैं।अगर आप अपने शहर या गाँव के पहले व्यक्ति हैं जो जीपीएस में जुड़ने जा रहे हैं तो आपको मार्केटिंग एग्जेक्युटिव की भूमिका भी निभानी होगी, इसका अलग से आपको कमीशन मिलेगा, साथ ही आप पहले जुड़ने की वजह से हमेशा टॉप पर रहकर ज्यादा फायदा उठाएंगे। अगर कोई व्यक्ति ऐसा नहीं कर सकता तो उसके दिए गए प्रोपोजल लिस्ट को हम फोन से डील करेंगे। धीरे धीरे जब आपके जिले के आसपास हमारे ऑफिस खुल जायेंगे तब आप वहाँ पर मीटिंग में अपने लोगों को भेज कर प्लान समझवा हैं, या आपके जिले में भी बाद में मीटिंग करवाई जा सकती है। यहाँ पर ऐसा सिस्टम बनाया गया है कि सभी को फायदा पहुँचाया जा सके। और अगर आप इस फायदे को उठाना चाहते हैं तो शीघ्र ही इस से जुड़ कर सफलता की मंज़िल की तरफ कदम उठायें।
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