गुरुवार, 3 मार्च 2016

PrernaDaayak Kahaani- Ghadee Mil Gayi

एक बार एक किसान की घड़ी कहीं खो गयी. 
वैसे तो घडी कीमती नहीं थी पर किसान उससे भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ था और किसी भी तरह उसे वापस पाना चाहता था. 
उसने खुद भी घडी खोजने का बहुत प्रयास किया, कभी कमरे में खोजता तो कभी बाड़े तो कभी अनाज के ढेर में ….
पर तामाम कोशिशों के बाद भी घड़ी नहीं मिली. 

उसने निश्चय किया की वो इस काम में बच्चों की मदद लेगा और उसने आवाज लगाई , 
” सुनो बच्चों , तुममे से जो कोई भी मेरी खोई घडी खोज देगा उसे मैं १०० रुपये इनाम में दूंगा.” 
फिर क्या था , सभी बच्चे जोर-शोर दे इस काम में लगा गए…वे हर जगह की ख़ाक छानने लगे , ऊपर-नीचे , बाहर, आँगन में ..हर जगह…पर घंटो बीत जाने पर भी घडी नहीं मिली. अब लगभग सभी बच्चे हार मान चुके थे और किसान को भी यही लगा की घड़ी नहीं मिलेगी, तभी एक लड़का उसके पास आया और बोला , ” काका मुझे एक मौका और दीजिये, पर इस बार मैं ये काम अकेले ही करना चाहूँगा.” किसान का क्या जा रहा था, उसे तो घडी चाहिए थी, उसने तुरंत हाँ कर दी. लड़का एक-एक कर के घर के कमरों में जाने लगा… 
और जब वह किसान के शयन कक्ष से निकला तो घड़ी उसके हाथ में थी. किसान घड़ी देख प्रसन्न हो गया और अचरज से पूछा ,
” बेटा, कहाँ थी ये घड़ी , और जहाँ हम सभी असफल हो गए तुमने इसे कैसे ढूंढ निकाला ?” 
लड़का बोला,
” काका मैंने कुछ नहीं किया बस मैं कमरे में गया और चुप-चाप बैठ गया, और घड़ी की आवाज़ पर ध्यान केन्द्रित करने लगा , कमरे में शांति होने के कारण मुझे घड़ी की टिक-टिक सुनाई दे गयी , जिससे मैंने उसकी दिशा का अंदाजा लगा लिया और आलमारी के पीछे गिरी ये घड़ी खोज निकाली.” , 
जिस तरह कमरे की शांति घड़ी ढूढने में मददगार साबित हुई उसी प्रकार मन की शांति एवम् परमात्मा को प्राप्त करने के लिये हमें एकाग्रता की ज़रूरत होती है . 
हर दिन हमें अपने लिए थोडा वक़्त निकालना चाहिए , जिसमे हम बिल्कुल अकेले हों , जिसमे हम शांति से बैठ कर हम अपने आप से बात कर सकें और अपने भीतर छुपे अन्तरात्मा की आवाज़ को सुन सकें , तभी हम किसी भी लक्ष्य को एकाग्रता के साथ मनन करके सफलता प्राप्त कर सकेंगे।यह दिखता तो कठिन है पर बहुत आसान होता है, जैसे रात में दूर की आवाज़ भी शान्ति होने की वजह से हमे आसानी से सुनाई दे जाती है, या बिजली चली जाने पर मोहल्ले के बाहर की आवाजें घर तक सुनाई दे जाती हैं उसी तरह जब जिंदगी के तमाम दिक्कतों को भुला कर हम शांत चित्त होकर इनका हल खोजते हैं तो कोई न कोई रौशनी हमारे जिंदगी के अँधेरे में मंज़िल तक पहुँचाने के लिए जरूर दिखाई दे जाती है। अपनी आत्मा को हमेशा शुद्ध रखिये जिस से आप खुद से नज़र मिला सकें, दुनिया का हर इंसान भी अगर ग़लत रास्ते पर चल रहा हो तो भी आप अपनी हस्ती को मिटने ना दें, आप इस दुनिया में सबसे अलग हैं और किसी ख़ास उद्देश्य के लिए मानव रूप में जन्मे हैं, अपने जीवन के उद्देश्य को पहचानिये और उसी दिशा में अपने कदम आगे बढ़ाते जाइये। लालच, बेईमानी, फरेब, छल -कपट , स्वार्थ आदि हमें हमारे लक्ष्य से भटकाने वाले शोर हैं सच्चाई की राह थोड़ी परेशानी वाली जरूर दिखती है लेकिन सबसे ज्यादा शान्ति इसी राह पर मिलती है। खुद सोचिये, बेईमान व्यक्ति भी बेईमानी में अपने साथियों से ईमानदारी और सच्चाई चाहता है, जो चीज़ सभी को पसन्द हो चाहे अच्छा या बुरा व्यक्ति क्यों ना हो, तो ऐसी चीज़ बहुत ही ख़ास होगी।
 शांति से अगर आप ग्रुप प्रॉफ़िट शेयर के प्लान को देखेंगे तो आप पाएंगे कि यह प्लान आपको हर कदम पर ज़िन्दगी भर साथ देने के लिए बनाया गया है, जिस प्लान की शुरुआत ही जी पी एस ग्रुप अपना प्रॉफ़िट आप सभी में शेयर करके कर रहा हो इसका मतलब यही हुआ कि हम मिल बाँट कर एक दूसरे का सहयोग करके अपने सभी सदस्यों को सफलतापूर्वक उनके लक्ष्य तक पहुँचाने का मजबूत इरादा रखते हैं।




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